राम हँसते हँसते वन चले गए कृष्ण हँसते हँसते मथुरा छोड़ गये राम हँसते हँसते वन चले गए कृष्ण हँसते हँसते मथुरा छोड़ गये
जन -जन की अभिलाषा है यह हमारी राष्ट्रभाषा है। जन -जन की अभिलाषा है यह हमारी राष्ट्रभाषा है।
कर्म के अनुसार, उचित फल देता है। कर्म के अनुसार, उचित फल देता है।
तू ही देती अक्षर ज्ञान तू ही करवाती शब्द निर्माण। तू ही देती अक्षर ज्ञान तू ही करवाती शब्द निर्माण।
सिद्धार्थ से बुद्ध की आत्मा के परमात्मा का यथार्थ सत्यार्थ।। सिद्धार्थ से बुद्ध की आत्मा के परमात्मा का यथार्थ सत्यार्थ।।
दुआ माँगते जल्द-से-जल्द आएं ख़ुशियों की बरसात। दुआ माँगते जल्द-से-जल्द आएं ख़ुशियों की बरसात।